खंड 5 अंक 1
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सामग्री
पृष्ठ उजाला: एक प्रोफ़ाइल i – v
संपादकीय संपादक माननीय न्यायमूर्ति शरद शर्मा द्वारा ix-x
क्रम संख्या | लेख | लेखक |
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1 | इससे पहले कि भय भारत में न्यायिक प्रशासन में कार्य संस्कृति को नष्ट कर दे, भय को समाप्त करें 1-14 | डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार और प्रीतिता वशिष्ठ |
2 | धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम 15-21 के तहत बरी किये जाने के विरुद्ध उपाय | अजय चौधरी |
3 | एक विकसित कानून की सीमाओं के भीतर राजनीतिक नैतिकता 22-26 | महेश चंद्र कौशिवा |
4 | भारत में जेल व्यवस्था और कैदियों के मानवाधिकारों का संरक्षण 27-65 | रितेश कुमार श्रीवास्तव |
5 | मादक पदार्थ तस्करी की समस्या और एनडीपी अधिनियम 1985: एक अवलोकन (प्रक्रियात्मक पहलुओं के विशेष संदर्भ के साथ) 66-82 | हर्ष यादव |
6 | घरेलू हिंसा कानून : अवलोकन और कार्यान्वयन 83-96 | बीनू गुलयानी, अनामिका सिंह और कपिल त्यागी |
7 | लोक अदालतें: स्थापित न्यायालय प्रणाली के बाहर विवाद समाधान का एक वैकल्पिक तरीका, एक दृष्टिकोण 97-101 | शिखा भंडारी |
8 | भारत में पर्यावरण संरक्षण में भारतीय न्यायपालिका की भूमिका 102-106 | रोहित जोशी |
9 | भारत में शील्ड कानून 107-115 | नीलाभ कुमार बिस्ट |
10 | आत्महत्या के प्रयास का गैर-अपराधीकरण: एक नया दृष्टिकोण 116-129 | हाकिम राय |
11 | इंटरनेट पर सूचना का अधिकार 130-142 | पूजा तिवारी & देविका तिवारी |